Math, asked by wiwoddiwdi, 4 months ago

प्रश्न2.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
बहुत से मनुष्य यह सोच-सोचकर कि हमें कभी सफलता नहीं मिलेगी, दैव हमारे विपरीत है, अपनी स
अपने ही हाथों पीछे धकेल देते हैं। उनका मानसिक भाव सफलता और विजय के अनुकूल बनता ही नहीं त
और विजय कहाँ? यदि हमारा मन शंका और निराशा से भरा है तो हमारे कामों का परिचय भी निराशा जन
क्योंकि सफलता की, विजय की, उन्नतिकीकुंजी तो अविचल श्रद्धा ही
(i)
उपर्युक्त गद्यांश भाषा भारती कक्षा 8 के किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर
इस गद्यांशकाअर्थअपने शब्दों में लिखिए-
उत्तर​

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Answered by helper5334
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5is the write answer so please follow

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