प्रश्न2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर अंत में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :-अपनी 8 paints
सूझबूझ और बुद्धि के कारण मनुष्य संसार का सबसे उत्तम प्राणी है। अपने भविष्य को
सुखमय बनाने के लिए उसका जागरूक होना स्वाभाविक है। इस दृष्टि से यह आवश्यक है
कि वह आय-व्यय में उचित तालमेल रखे। सुखमय भविष्य के लिए आवश्यक है कि आय
का एक अंश नियमित रूप से बचाया जाए, जिससे आगे आने वाली आवश्यकताओं की पूर्ति
सरलता से हो सके। सीमित खर्च करने वाला व्यक्ति मितव्ययी कहलाता है। अनावश्यक
व्यय करके जो व्यक्ति धन का दुरुपयोग करता है, वह फ़िजूल खर्च माना जाता है। वास्तव
में मितव्ययिता ही बचत और संचय की कुंजी है। कितना सही कहा गया है कि कोई व्यक्ति
कमाने से नहीं, बचाने से धनी बनता है। मनुष्य के जीवन में जो आदतें बचपन में पड़ जाती
हैं, वह किसी-न-किसी रप में जीवन-भर बनी रहती हैं। मितव्ययिता और फिजूल खर्च की
आदतें भी ऐसी ही है। प्रश्न क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित
शीर्षक क्या होगा?
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Answer: उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है
मनुष्य की पहचान |
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