Hindi, asked by neerubala1607, 10 days ago

प्रश्न5) बदलू के चरित्र का कौनसा गुण आपको अच्छा लगा ? (लिखो)​

Answers

Answered by XxitsuniquepagliGG
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Explanation:

लेखक के अनुसार बदलू उसके मामा के गाँव में लाख की चूड़ियों का श्रेष्ठ कारीगर था। उसके गाँव के अलावा बाहर गाँव में भी उसकी लाख की चूड़ियाँ खासी प्रचलित थी, विवाह में भी उसकी चूड़ियाँ प्रचलित थी। परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ने लगा। उसकी लाख की चूड़ियों का मूल्य घटना आरम्भ हो गया। नतीजन एक दिन इन लाख की चूड़ियों का स्थान काँच की चूड़ियों ने ले लिया और बदलू की लाख की चूड़ियों का व्यवसाय का अन्त हो गया। अब कोई भी उसकी चूड़ियाँ नहीं पहनता था। सबको काँच की चूड़ियाँ भाने लगी थी। उसके व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को अन्दर ही अन्दर कचौटती थी परन्तु अपनी इस वेदना को वह किसी को प्रकट नहीं करता था। लेखक उसके हृदय की इस वेदना को भली-भांति समझता था क्योंकि लेखक ने अपने बचपन का एक लम्बा वक्त बदलू के साथ व्यतीत किया था। इस कारण उसके लिए बदलू की मन की दशा को समझना ज़्यादा आसान था।

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Question 5:

मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

ANSWER:

मशीनी युग के कारण उसका सारा व्यवसाय चौपट हो गया। उसने इस लाख की चूड़ियों के अलावा कभी और कुछ सीखा ही नहीं था। जिसके कारण वह बेरोज़गार हो गया। अब वह कमज़ोर व बीमार हो गया था। उसकी बेबसी लेखक को उसके चेहरे पर दिखाई देने लगी थी। जिसने उसे एक बूढ़ा व बीमार व्यक्ति बना दिया था।

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Question 3:

मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखो।

ANSWER:

मशीनी युग के परिवर्तन का एक अच्छा उदाहरण कृषि है। पहले किसान हर काम हाथ से ही किया करते थे। कुछ कार्यों के लिए बैलों का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन आजकल हर काम मशीन से होता है। इससे छोटे मज़दूर बेकार हो गए, उन्हें अपनी रोज़ी कमाने शहर आना पड़ा।

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Question 1:

बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से' और बदलू स्वयं कहता है - जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?'' ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।

ANSWER:

(1) बदलू ने मेरी दृष्टि देख ली और बोल पड़ा, यही आखिरी जोड़ा बनाया था ज़मींदार साहब की बेटी के विवाह पर, दस आने पैसे मुझको दे रहे थे। मैंने जोड़ा नहीं दिया। कहा, शहर से ले आओ।

इस कथन में उसके ज़मींदार पर व्यंग्य करना है। जिस बदलू की चूड़ियों की धूम सारे गाँव में नहीं अपितु आस पास के गाँवों में भी थी, लोग शादी-विवाह पर उसको मुहँ माँगें मूल्य दिया करते थे, ज़मींदार उसे दस आने देकर सन्तुष्ट करना चाहते थे। दूसरा व्यंग्य उसने शहर पर किया है । ज़मींदार के द्वारा उसको सिर्फ़ दस आने देने पर उसने जमींदार को चूड़ियाँ शहर से लाने के लिए कह दिया क्योंकि शहर की चूड़ियों का मूल्य उसकी चूड़ियों से सहस्त्र गुना महँगा था।

(2) आजकल सब काम मशीन से होता है खेत भी मशीन से जोते जाते हैं और फिर जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है?

यहाँ पर प्रथम व्यंग्य बदलू ने मशीनों पर किया है, दूसरा व्यंग्य काँच की चूड़ियों पर। उसके अनुसार अब तो खेतों का सारा काम मशीनों से हो जाता है। आदमियों की ज़रूरत क्या है और दूसरा काँच की चूड़ियों पर कि काँच की चूड़ियाँ दिखने में इतनी सुन्दर होती है कि लाख की चूड़ियाँ भी इनके आगे फीकी लगती हैं। अर्थात्‌ सुन्दरता के आगे दूसरी वस्तु की गुणवत्ता का कोई मूल्य नहीं है।

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Question 2:

'बदलू' कहानी में दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे-शहर, गाँव, पतली-मोटी, गोल, चिकना इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे-सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार, वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।

ANSWER:

(क)

व्यक्तिवाचक संज्ञा

-

जमींदार, मामा, बदलू।

(ख)

जातिवाचक संज्ञा

-

स्त्रियाँ, चारपाई, बेटी, बच्चे, चूड़ियाँ।

(ग)

भाववाचक संज्ञा

-

बीमार, बेरोजगार, प्रसन्नता, व्यक्तित्व, शांति, पढ़ाई।

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Question 3:

गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।

ANSWER:

उम्र- उमर

मर्द - मरद

भैया - भइया

ग्राम - गाँव

अंबा - अम्मा

दुर्बल - दुबला

1. लाख की चूड़ियाँ पहने, तो मोच आ जाए।

अर्थ − लाख की चूड़ियाँ काँच की चूड़ियों से भारी होती है। शायद अब औरतें लाख की चूड़ियों का भार न सह सके।

2. मशीनी युग है न, लला! आजकल सब काम मशीन से होता है।

अर्थ − अब मशीन का युग है। हर काम मशीन से होता है। इससे किसके जीवन पर क्या असर पड़ता है इसकी किसी को कोई चिंता नहीं है।

3. गाय कहाँ है लला! दो साल हुए बेच दी। कहाँ से खिलाता?

अर्थ − अब काँच को चूड़िया बनने के बाद कोई भी लाख की चूड़िया खरीदना पंसद नहीं करता था क्योंकि वे काँच से महँगी थी। इससे बदलू की आर्थिक स्थिति खराब हो गई उसे खुद के खाने के लिए नहीं था गाय को कैसे खिलाता।

Answered by choudharyananya21
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Answer:

बाप रे !!! इतना लंबा answer !!

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