Hindi, asked by mk20262829, 3 months ago

प्रश्नत-निम्नलिखित काव्यांश को पढकर इन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रेरित करो इतना प्राणों को निज चरित्र के बल से
भरो पुण्य की किरण प्रजा में अपने तप निर्मल से,
मत सोचो दिन-रात पाप में मनुज निरत होता है
हाय पाप के बाद वही तो पछताता रोता है
नहीं
एक अवलंब जगत का आभा-पुण्यवती की
तिमिर-व्यूह में फँसी किरण भी आशा है धरती की
फूलों पर आँसू के मोती और अश्रु में आशा
मिट्टी के जीवन की छोटी नपी-तुली परिभाषा
(i) काव्यांश का शीर्षक लिखिए।
(ii) मनुष्य को किस प्रकार सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है?
(iii)पाप दुष्कर्म करने के उपरांत व्यक्ति को क्या अनुभव होता है?​

Answers

Answered by aquibansaari
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Answer:

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Answered by adarahmittal123bari
0

Answer:

(1)जीवन की परिभाषा

(2)अपने सुचरित्र का उदाहरण देकर

(3)दुष्कर्म करने के बाद पछताता है, रोता है।

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