प्रश्र 11
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर उत्तर लिखिए।
कहना जितना सरल है, करना उतना ही कठिन है। इसीलिए कर्तव्य - वीरों
की कठिनाइयों को पार करने के लिए सदैव कटिबद्ध रहना पड़ता है।
उनका जीवन उनके कर्तव्य में खो जाता है। उनका सुख, उनका आनंद सब
कुछ कर्तव्य को अर्पण हो जाते हैं और कर्तव्य करके उन्हें एक अलौकिक
आनंद का अनुभव होता है।जो इहलोक के आनंदो से कहीं बढ़कर है। अपने
चारों ओर हो कर्तव्य की मूर्तियां मुस्कुराती हुई खड़ी है। सूर्य, चंद्रमा, तारे,
नक्षत्र, पृथ्वी का मंडल अपने-अपने काम में लीन है मानो इन्हें अपने तन
की सुध ही नहीं है । क्या मजाल इनके कर्तव्य में तनिक भी देर हो जाए
या थोड़ी सी देर में वे थक कर बैठ जाए। कर्तव्य के कारण फूल खिलता
अपनी गंध छोड़ता और मुरझा जाता है चाहे वह उपवन में हो या निर्जन
वन में, चाहे उसे कोई देखे या ना देखे वह अपने कर्तव्य में मग्न है।
prashn Uttar
1 किनका जीवन कर्तव्य में खो जाता है।
2 धरती का पर्यायवाची गद्यांश से ढूंढ़कर लिखिये।
3 वीरो को कैसा अनुभव होता है?
4 फूल क्यों खिलता है।
5 कर्तव्य को क्या अर्पण हो जाता
है
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- वीरों का जीवन।
- पृथ्वी।
- आनंद का अनुभव होता है।
- कतंव्य के कारण फूल खिलते हैं।
- कुछ कर्तव्य को अर्पण हो जाते हैं और कर्तव्य करके उन्हें एक अलौकिक।
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bhd no problem with that right All you are not filtered into pieces of Rjukan chapter tests to India and Pakistan cricket fans and friends so I can marry tae look forward to hearing from India and you
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