प्रश्र 2-निम्नलिखित कबीर की साखियाँ और उनके अर्थ को पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञाना
मेल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
अर्थ सहित व्याख्या: इस साखी में कबीरदास जी कहते हैं कि हमें कभी भी सज्जन इसान की जाति पर ध्यान नहीं
देना चाहिए, बल्कि हमें तो उसके गुणों के आधार पर उसका सम्मान करना चाहिए। जैसे, तलवार की कीमत म्यान
नहीं, बल्कि तलवार की धार में छिपी होतो है।
आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहीं उलटिए, वही एक की एक।
अर्थ सहित व्याख्या : इस साखी में कबीरदास जी कहते हैं कि किसी के अपशब्दों का जवाब कभी भी अपशब्दों से
मत दो। इससे वो अपशब्द बढ़ने के बजाय घटते-घटते खत्म हो जाएंगे।
क) 'तलवार का महत्व होता है म्यान का नहीं'-उक्त उदाहरण से कबीर क्या कहना चाहते हैं? स्पष्ट
कीजिए।
ख) कबीर किसी को अपशब्द कहने से क्यों मना करते है। दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिये।
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