Hindi, asked by shambhunathjha220, 8 months ago


प्रश्र-6 वसुधैव कुटुम्बकम मुक्ति लिखकर लोगो(sign) निर्माण कीजिए |(A4size sheet)
परियोजना कार्य. वैदिक संस्कृति के मूल जीवन के चार पुरुषार्थ धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को चित्रसहित प्रदर्शित कीजिए।

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Answered by Anonymous
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Answer:

वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है[1] जो महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है। इसका अर्थ है- धरती ही परिवार है (वसुधा एव कुटुम्बकम्)। यह वाक्य भारतीय संसद के प्रवेश कक्ष में भी अंकित है।

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् | उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् || ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ४, श्‍लोक ७१)

उदारचरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम्। ।

अर्थ - यह अपना बन्धु है और यह अपना बन्धु नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है।

सनातनी ध्येय है।

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