प्रश्र1-काव्यांश में मां किसे कहा गया है?
कवि की मां
दुर्गा मां
सबकी अपनी मां
धरती मां
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2-कवि मस्तक और कमर पर क्या लगाना चाहता है?
स्वप्न और प्रश्न
गान और प्राण
चरण की धूल और ढाल
तलवारऔर थाल
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3-कवि किस ऋण की बात कह रहा है
बलिदान का ऋण
आयु और मन का ऋण
देश की धरती में पैदा होने और बड़े होने का ऋण
चरण और कमर का ऋण
4-कवि का निवेदन है कि
प्रश्न और स्वप्न को स्वीकार करें
मां मेरे बलिदान को स्वीकार करें
ऋण को स्वीकार करें
थाल को स्वीकार करें
5- उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक हो सकता है-
मन व तन
समर्पण
तलवार
चरण
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Answer:
kavi ki maan ko
gaan aur praan
man ka rin
maan mere balidaan ko svikaar karein
samarpan
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