प्रशन/उतर कीजिए⬆⬆⬆⬆⬆⬆⬆⬆⬆
(क) उपयुक्त पद का भाव स्पष्ट कीजिए।
(ख) गोपियों की कौन सी मन की बात मन में रह गई।
(ग) गोपियों किसे गुहार लगाना चाहती थी।
(घ) 'मरजादा' न लही से क्या तात्पर्य हैं ।
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2.) गोपियां अपने हृदय की पीड़ा श्रीकृष्ण को सुनाना चाहती थीं लेकिन निर्गुण ज्ञान के संदेश को सुनकर वे कुछ न कर पाई। उन के वियोग से उत्पन्न पीड़ा संबंधी बात उन के मन में ही रह गई।
3.) गोपियां श्रीकृष्ण को गुहार लगाना चाहती थीं जिन के प्रेम के प्रति उन्हें अपार विश्वास था। उन्हें लगता था कि श्रीकृष्ण ने उद्धव के माध्यम से निर्गुण ब्रह्म संबंधी संदेश भिजवा कर उन के प्रेम को धोखा दिया था।
4.) 'मरजादा न लही' के माध्यम से प्रेम की मर्यादा न रहने की बात की जा रही है। कृष्ण के मथुरा चले जाने पर गोपियाँ उनके वियोग में जल रही थीं। कृष्ण के आने पर ही उनकी विरह-वेदना मिट सकती थी, परन्तु कृष्ण ने स्वयं न आकर उद्धव को यह संदेश देकर भेज दिया की गोपियाँ कृष्ण का प्रेम भूलकर योग-साधना में लग जाएँ ।
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