प्रष्न 2. पाश्चात्य काव्य शास्त्र में काव्य-प्रयोजन के स्वरूप का उल्लेख कीजिए?
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काव्य प्रयोजन का तात्पर्य है काव्य का उद्देश्य अथवा रचना की आंतरिक प्रेरणा शक्ति। संस्कृत काव्यशास्त्र में किसी विषय के अध्ययन के लिए चार क्रमों का निर्धारण किया गया है - प्रयोजन, अधिकारी, संबंध और विषयवस्तु। ... काव्य प्रयोजन का अर्थ है काव्य रचना से प्राप्त फल। जैसे - धन, यश, आनंद आदि।
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