प्रष्न 6. भारत की अर्थव्यवस्था में कागज के उत्पादन का क्या योगदान
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वैश्विक, आर्थिक-सामाजिक व्यवस्था में कागज के योगदान की उपेक्षा नहीं की जा सकती है क्योंकि बिना कागज के सम्पूर्ण कार्यप्रणाली का पूर्ण हो पाना सम्भव नहीं रहा है। शिक्षा का प्रचार-प्रसार, व्यापार, बैंक, उद्योग तथा सरकारी व गैरसरकारी, संस्थानों या प्रतिष्ठानों में कागज का ही बहुधा प्रयोग किया जाता है। विश्व की लगभग सभी प्रक्रियाओं की शुरूआत कागज से ही प्रारम्भ होती है। कागज व्यक्ति व समाज के विकास में ‘‘आदि और अन्त’’ दोनों प्रकार की भूमिका का निर्वहन करता है। इस तरह मानवीय सभ्यता का विकास व उन्नति कागज के ही विकास से सम्बन्धित है।
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कागज से कोयला का उपयोग कम होगा
इसका उत्पाद भारत में बहुत अधिक है जिसके कारण ये प्लास्टिक पर रोक लगाया जा रहा है जिससे की वायु प्रदूषित नहीं होगा और लोग बीमार कम होंगे
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