India Languages, asked by soumyabehera217, 1 month ago

पुरषार्था: संख्या कति सन्ति ?

(क) चत्वार:

(ख) सप्त

(ग) षोडश

(घ) पञ्च​

Answers

Answered by rishi1859
7

Answer:

पुरषार्था: संख्या कति सन्ति ?

Answered by dgmellekettil
0

Answer:

  • इस प्रश्न का सही उत्तर पहला विकल्प है।
  • पुरषार्था: संख्या चत्वार: सन्ति।

Explanation:

पुरुषार्थ चार प्रकार के होते हैं।

  1. धर्म
  2. अर्थ
  3. काम और
  4. मोक्ष

मनुष्य को अपने जीवन जीने के लिए पुरुषार्थ के इन चार प्रकारों से होकर गुजरना पड़ता है।

  • 1.धर्म- मनुष्य अपने जीवन में कुछ कार्य ऐसे करते हैं जिन्हें वे अपना धर्म समझते हैं जैसे- विद्यार्थी धर्म, गृहस्थ धर्म, पिता धर्म, राज धर्म, गुरु धर्म, और अंतिम में सन्यास धर्म। इन सब में पिता धर्म को अपना कर्तव्य समझते हैं और संतानोत्पत्ति कर उस धर्म को पूरा करते हैं। जिसके अंतर्गत वे संतान के सुख सुविधाओं, शिक्षा संस्कार, इत्यादि उन्हें मिले इसकी वह व्यवस्था करते हैं।
  • 2.अर्थ- मनुष्य को अपनी आजीविका चलाने के लिए अर्थ अर्थात् धन की आवश्यकता पड़ती है, जिससे वह कोई कार्य, व्यापार, श्रम, सेवा या अध्यापन का कार्य कर जीविकोपार्जन करता है, जिससे मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएं की पूर्ति होती है।
  • 3. काम- मनुष्य को गृहस्थ आश्रम में संतानोत्पत्ति के लिए अपनी स्त्री के साथ मिलन कर संतानोत्पत्ति कर, एक पीढ़ी को आगे बढ़ाने का कार्य करना पड़ता है। स्त्री के संसर्ग, स्त्री के प्रति आसक्ति, यह सब काम के अंतर्गत आते हैं।
  • 4. मोक्ष- मनुष्य अध्यात्म के दृष्टिकोण से जीवन का अध्ययन करता है और वह जीवन-मरण के झंझट से मुक्त होने के लिए आत्मा परमात्मा का मार्ग अपनाता है और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रयासरत रहता है।

अधिक जानकारी के लिए:

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