प्रतिबिंबता' का क्या तात्पर्य है तथा यह समाजशास्त्र में क्यों महत्त्वपूर्ण है?
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Answer with Explanation:
प्रतिबिंबता' का तात्पर्य है अनुसंधानकर्ता की वह क्षमता जिससे वे स्वयं का परीक्षण तथा विश्लेषण करता है ताकि अनुसंधान करते समय उसके अंदर कोई पूर्वाग्रह न रह जाए ।
समाजशास्त्र में प्रतिबिंबिता बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समाजशास्त्र वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान करता है तथा वैज्ञानिक पद्धति में पूर्वाग्रह का कोई स्थान नहीं है । अगर अनुसंधान करते समय कोई पूर्वाग्रह रह जाए तो और अनुसंधान में त्रुटि रह जाएगी तथा निष्कर्ष व्यर्थ हो जाएंगे । इस प्रकार की समाजशास्त्र में काफी महत्ता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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