प्रतिभा के दो भेद सहजा और उत्पाद्या किसने किये
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आचार्य रुद्रट ने प्रतिभा के दो भेद- सहजा और उत्पद्या, को माना है। इनके अनुसार सहजा नैसर्गिक शक्ति है तथा उत्पाद्या व्युत्पत्ति शक्ति है। आचार्य मम्मट ने शक्ति, निपुणता तथा अभ्यास का संयुक्त रूप में हेतु माना है।
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