प्रतिलोम परासरण से आप क्या समझते हैं
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जब किसी विलयन पर परासरण दाब से अधिक दाब आरोपित किया जाता है तो परासरण की दिशा बिल्कुल विपरीत दिशा में संपन्न होने लगता है अर्थात परासरण दाब से अधिक दाब आरोपित करने पर विलायक के अणु अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से होकर अधिक सांद्रता वाले विलयन से कम सांद्रता वाले विलयन की तरफ गति करने लगते है जो कि परासरण की घटना के विपरीत.
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