प्रतापनारायण मिश्र की भाषा-शैली की दो-दो विशेषताएँ लिखिए।
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Explanation:
प्रताप नारायण मिश्र जी की शैली हास्य-विनोदपूर्ण है। प्रतापनारायण प्रताप नारायण मिश्र की शैली के दो रूप पाए जाते हैं- विनोदात्मक हास्य-व्यंग्यमयी शैली तथा गम्भीर विवेचनात्मक शैली। गम्भीर विषयों के विवेचन में इन्होंने विवेचनात्मक शैली अपनायी है।
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उत्तर :
एक सफल व्यंग्यकार और हास्य गद्य-कविता-लेखक के रूप में प्रताप नारायण मिश्र का हिन्दी साहित्य में विशेष स्थान है।
व्याख्या:
- वह वर्णनात्मक, विचारशील और हास्यपूर्ण व्यावहारिक भाषा के लिए प्रसिद्ध हैं। वे हिन्दी भाषा के प्राचीन रूप में भी कार्य करते हैं।
- प्रताप नारायण मिश्रा (24 सितंबर 1856 - 6 जुलाई 1894) ब्रिटिश भारत में एक हिंदी निबंधकार थे। वह सभी भारतीयों को "हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान" का जाप करने और विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियाँ भारत दुर्दशा, लोकोक्ति शातक, श्रीप्रेम पुराण, प्रार्थना शातक, कौत', तृपंतम, हाथी हम्मीर, ब्रिडाला स्वागत और कानपुर महामात्य थीं।
- वे भारतेंदु मंडल के प्रमुख साहित्यकार, लेखक, कवि और पत्रकार थे।
इस प्रकार यह उत्तर है।
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