प्रत्र-1-नियमिशिष गद्यांशको पठकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए.
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प्रजातंत्र के तीन मुख्य अंग है- कार्यपालिका विधाविका और न्यायपालिका । प्रजातंत्र की सार्थकता एवं दृढता को ध्यान में रखते हुए और
जनता के शहरी होने की भूमिका को देखने हा मीडिया को प्रजातंत्र के नाँचे स्तंभ कमा में देखा जाता है समाचार माध्यम या मीडिया को
पिछले दयों में पत्रकारों और समाचार पत्रों ने एक विश्वसनीयता प्रदान की है और इसी कारण विश्व में मीडिया एक अव्हा शान्ति के साथ में
उभग है। कार्यपालिका और विधाविका की समस्याओं, कार्यप्रणाली और विसंगतियों की चर्चा पाय होती रजनी है और सर्वसाधारण में यह
विशेष चर्चा के विषय रहने जी है इसमें समाचार पत्र, रेडियो और टीवी समाचार अपनी टियनी के कारण चर्चा को आगे बढ़ाने में
योगदान करते है परन्यायपालिका अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद उसके बारे में चर्चा कम ही होती ती ऐसा केवल अपने देश में ही नहीं
अन्य देशों में भी कमोवेश यही स्थिति है। स्वराज प्राप्ति के बाद और एक लिखित संविधान के देश में लागू होने के उपरांत नोकरके तीनों
अगा के भव्य, अधिकाग और दायित्वों के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ी है। मंविधान निमांनाओ का उद्देश्य रहा है कि तीनों अन
परम्पर तालमेल से कार्य करेंगे तीनों के पारस्परिक संबंध भी संविधान द्वारा निर्धारित हैं, फिर भी नमक के नाथ-साथ वृष समस्याएँ उठ
खड़ी होती हैं आज नोवतत्र यह महसूस करता है कि न्यायपालिका में भी अधिक पारदर्शिता हो. जिमने उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान बद।
'जिस देश में पचों को परमेश्वर मानने की परंपरा हो वहाँ न्याय मूर्तियों पर आक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है।
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where are the questions.....?
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