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प्रतिदिन के
कचरे का
उपयोग हम किस प्रकार कर सकते हैं?
उदाहरण सहित लिखिए।
Answers
Answer:
Explanation:
शहर में घर और दुकानों से निकलने वाले कचरे का उपयोग अब ईंट भट्टे जलाने और सड़क के पेचवर्क में होगा। इसके लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहा है। जहां कचरा छटाई के साथ कचरा कटिंग व गुटका मशीन लगाई जाएगी। कागज, गत्ता सहित जो कचरा जलाने के योग्य और पॉलीथिन, डिस्पोजल सहित ऐसा कचरा जिसे डामर में मिक्स किया जा सकता है उसे अलग-अलग किया जाएगा। कटर और गुटका मशीन से प्रोसेसिंग के बाद उनका उपयोग किया जाएगा। प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सितंबर में इसे शुरू कर दिया जाएगा।
स्वच्छता सर्वे मिशन-2018 में अव्वल आने और शहर को स्वच्छ-सुंदर बनाने के लिए नगर पालिका ने ठोस कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। भोलियावास स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में 20 बाय 30 का शेड है। 15 अगस्त बाद यहां पर 100 बाय 100 का शेड बनाने का काम शुरू होगा। कचरा प्रसंस्करण और प्रोसेसिंग प्लांट के लिए कागज व प्लास्टिक कटर और कागज को गुटके (पीस) का रुप देने के लिए गुटका मशीन खरीदी की टेंडर के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। अगले महीने प्लांट तैयार होकर काम शुरू हो जाएगा। नपा 16 अगस्त के बाद कर्मचारी लगाकर कचरा छटाई कार्य शुरू करेंगी। छटाई के बाद दोनों प्रकार के कचरे को रखने के लिए एक शेड व भवन बना हुआ है।
भोलियावास ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा डंप करते नपा कर्मचारी।
कचरा प्रबंधन में पिछड़े थे
पिछली बार कचरा प्रबंधन में पिछड़े थे। इसलिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इससे कचरे का सही उपयोग होने के साथ प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और नपा को आय भी होगी। राकेश जैन नपाध्यक्ष नीमच
अगले महीने प्लांट शुरू होगा
कचरा प्रबंधन के लिए तैयारी के साथ मशीनों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले महीने प्लांट शुरू कर देंगे। इसके पहले सूखा व गीला कचरा अलग-अलग एकत्र किया जा रहा है। 16 अगस्त के बाद छटाई कार्य करेंगे। विश्वासचंद्र शर्मा, स्वास्थ अधिकारी नपा नीमच
ऐसा होगा प्लांट-प्रोसेस मशीन
नपा शेड को छोड़कर प्लांट पर करीब 4 से 5 लाख रुपए खर्च करेंगी। इसमें कागज व प्लास्टिक श्रेणी के कचरे को काटने वाली कटर मशीनें होगी। छोटी-छोटी कतरन को अलग-अलग स्टोर किया जाएगा। प्लास्टिक श्रेणी की कतरन को प्लास्टिक बोरियों में भरकर शहर की डामरीकृत सड़क पर पेचवर्क में उपयोग होगा। जबकि कागज श्रेणी की कतरन को भी विशेष प्रकार की थैलियों में भरा जाएगा। गट्टा मशीन में डालकर गुटके (पीस) बनाए जाएंगे।
प्लास्टिक का पेचवर्क में उपयोग
शहर की डामर सड़कों पर पेचवर्क के लिए नपा का गिट्टी-डामर हॉटमिक्स प्लांट है। प्लास्टिक श्रेणी के वेस्ट कतरन को डामर में मिलाकर पेचवर्क में उपयोग करेगी। इससे 25 से 30 फीसदी डामर कम लगेगा। हर दिन 50 टन कचरा- शहर में प्रतिदिन 50 टन कचरा निकलता हैं। इसमें से 45 टन कचरा ही ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचता है। शेष कचरा सड़कों पर उड़ने व नालों में जमा होने के साथ सफाई कर्मी और लोग जला देते हैं।
ऐसे होगा उपयोग
कागज श्रेणी की कतरन में वेस्ट आइल छिड़क कर थैलियों में भरेंगे। इन थैली को गट्टा मशीन में डाला जाएगा। यह मशीन हाई टेंपरेचर के साथ दबाव बनाएगी और लकड़ी की तरह परत बनकर बाहर निकलेगी। इस परत को निर्धारित आकर में काटकर स्टोर किया जाएगा। इस प्रकार यह जलने योग्य होगा। नपा इनके भाव तय कर ईंट भट्टा संचालकों को बेचेगी।
नपा ने शहर से गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग एकत्र करना शुरू कर दिया है। गीले कचरे में सभी प्रकार की खाद्य सामग्री जो घरो, होटलों आदि से निकलती है। जबकि सूखे कचरे में कागज, गत्ते, पॉलीथिन, डिस्पोजल, प्लास्टिक, कांच, लकड़ी सहित अन्य कचरा शामिल है। नपा गीले कचरे को तो खंतियों में डंप कर खाद बनाएगी। सूखे कचरे में जो जलाने योग्य है। जैसे कागज, गत्ता, लड़की आदि को एक श्रेणी में अलग करेंगी। दूसरी श्रेणी में प्लास्टिक आदि, तीसरी श्रेणी में कांच, चीनी जैसा कचरा होगा और चौथी श्रेणी में वह कचरा जो किसी प्रकार से उपयोगी नहीं है। ऐसे कचरे को खंतियां बनाकर डंप किया जाएगा।
यह है कचरे का रूप-गीले-सूखे कचरे की श्रेणियां