प्रतिदिन वस्त्रों को घर में धोने के लिए चीन समान की आवश्यकता होती है उनकी सूची बनाओr
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वस्त्रों की धुलाई का अर्थ
सभ्य मनुष्य के जीवन में वस्त्रों का अत्यन्त महत्त्व है। प्रत्येक व्यक्ति समय-समय पर जो वस्त्र धारण करता है, उन वस्त्रों से जहाँ एक ओर उसके शरीर को विभिन्न प्रकार की सुरक्षा प्राप्त होती है, वहीं दूसरी ओर वे वस्त्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को (UPBoardSolutions.com) निखारने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। यहाँ यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि केवल साफ-सुथरे तथा धुले हुए वस्त्र ही उत्तम माने जाते हैं।
नियमित रूप से धारण किए जाने वाले तथा घर पर अन्य प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल होने वाले वस्त्र शीघ्र ही गन्दे एवं मैले हो जाते हैं। वस्त्रों के गन्दे एवं मैले होने में जहाँ बाहरी धूल-मिट्टी एवं गन्दगी की विशेष भूमिका होती है, वहीं वस्त्रों को धारण करने वाले व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले पसीने का भी विशेष प्रभाव होता है। पसीने से गीले हुए वस्त्रों में बाहरी धूल-मिट्टी जम जाती है। यही नहीं पसीना वस्त्रों में ही सूखकर उन्हें दुर्गन्धयुक्त भी बनाता है। इस प्रकार विभिन्न कारणों से गन्दे एवं मैले हुए वस्त्रों को पुनः गन्दगी एवं दुर्गन्धरहित साफ-सुथरा बनाने की प्रक्रिया को ही वस्त्रों की धुलाई कहते हैं। वस्त्रों की धुलाई के अन्तर्गत विभिन्न साधनों एवं उपायों द्वारा वस्त्रों की मैल, गन्दगी, दुर्गन्ध
आदि को समाप्त किया जाता है तथा पुनः वस्त्रों को साफ-सुथरा बनाया जाता है। वस्त्रों की धुलाई के लिए जल तथा शोधक पदार्थ (साबुन, डिटर्जेण्ट आदि) आवश्यक होते हैं तथा इसके लिए वस्त्रों को मलना, रगड़ना, पीटना एवं खंगालना आदि आवश्यक उपाय होते हैं।