Hindi, asked by ashanandi3036, 5 months ago

प्रत्येक कार्य का एक अपना समय होता है। समय निकल जाने के बाद कार्य की न कोई शोभा ही शेष रह जाती
है और न उसको उपयोगिता। एक बार फसल सूख जाने पर फिर चाहे कितनी ही वां क्यों न हो, उसे हरी-भरी बनाए रखना कठिन
होता है। समय पर रोगी को मामूली उपचार स्वस्थ बना सकता है किंतु उचित समय गंवा देने के बाद अच्छी-से-अच्छी औषधि भी
निरर्थक ही सिद्ध होती है।
सारांश कर के दे ​

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Answered by akshitkumarsingh1234
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CBSE Class 10 Hindi A Unseen Passages अपठित गद्यांश

September 24, 2019 by Bhagya

CBSE Class 10 Hindi A Unseen Passages अपठित गद्यांश

अपठित बोध

अपठित बोध ‘अपठित’ शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘unseen’ का समानार्थी है। इस शब्द की रचना ‘पाठ’ मूल शब्द में ‘अ’ उपसर्ग और ‘इत’ प्रत्यय जोड़कर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है-‘बिना पढ़ा हुआ।’ अर्थात गद्य या काव्य का ऐसा अंश जिसे पहले न पढ़ा गया हो। परीक्षा में अपठित गद्यांश और काव्यांश पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस तरह के प्रश्नों को पूछने का उद्देश्य छात्रों की समझ अभिव्यक्ति कौशल और भाषिक योग्यता का परख करना होता है।

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अपठित गद्यांश

अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश प्रश्नपत्र का वह अंश होता है जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से नहीं पूछा जाता है। यह अंश साहित्यिक पुस्तकों पत्र-पत्रिकाओं या समाचार-पत्रों से लिया जाता है। ऐसा गद्यांश भले ही निर्धारित पुस्तकों से हटकर लिया जाता है परंतु, उसका स्तर, विषय वस्तु और भाषा-शैली पाठ्यपुस्तकों जैसी ही होती है।

प्रायः छात्रों को अपठित अंश कठिन लगता है और वे प्रश्नों का सही उत्तर नहीं दे पाते हैं। इसका कारण अभ्यास की कमी है। अपठित गद्यांश को बार-बार हल करने से –

भाषा-ज्ञान बढ़ता है।

नए-नए शब्दों, मुहावरों तथा वाक्य रचना का ज्ञान होता है।

शब्द-भंडार में वृद्धि होती है, इससे भाषिक योग्यता बढ़ती है।

प्रसंगानुसार शब्दों के अनेक अर्थ तथा अलग-अलग प्रयोग से परिचित होते हैं।

गद्यांश के मूलभाव को समझकर अपने शब्दों में व्यक्त करने की दक्षता बढ़ती है। इससे हमारे अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि होती है।

भाषिक योग्यता में वृद्धि होती है।

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