प्रत्येक व्यक्ति की किसी खास काम में रुचि हुआ करती है। इस रुचि को पहचानने के लिए कभी कम तो
कभी अधिक प्रयत्न करना पड़ता है। कोई भी कदम उठाने से पूर्व विचार अवश्य करना चाहिए कि आखिर
हम चाहते क्या हैं? हमारा लक्ष्य क्या है? जब तक लक्ष्य साधा नहीं जाएगा उसे पाना दूभर है। यह लक्ष्य
भी रुचि के अनुकूल ही होना चाहिए। हर कोई अपनी रुचि के क्षेत्र में ही अच्छा काम कर सकता है।
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प्रश्न
i. मंज़िल का चुनाव क्यों ज़रूरी है?
ii. कोई भी कदम उठाने से पहले क्या विचार करना चाहिए?
iii. लक्ष्य का निर्धारण किसके अनुकूल होना चाहिए?
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sry appolozie i dont understand this language
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