प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के गुणों की विवेचना कीजिए।
1.लोक तंत्र की सच्ची भावना के अनुकूल-प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली लोकतंत्र की सच्ची भावना को व्यक्त करती है। लोकतंत्र का अर्थ है की जनता स्वयं अपने प्रतिनिधियों को चुने। आशा की जाती है कि जनता उसी उम्मीदवार को अपना प्रतिनिधि चुने की जिससे वह योग्य और इमानदार समझती है।
2. सरकार सरकार तथा जनता के बीच सद्भाव-प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के द्वारा जो प्रतिनिधि चुने जाते हैं ,उनका जनता को विश्वास रहता है, क्योंकि वह उनको स्वयं चुनती है। इससे सरकार तथा जनता के बीचसद्भावना बनी रहती है। इस सद्भावना के परिणाम स्वरुप शासन का कार्य सफलतापूर्वक चलता रहता है, जनता उस में सहयोग देती है।
3. जनता जनता में राजनीतिक चेतना की वृद्धि-प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से जनता में राजनीतिक चेतना आती है, जिम्मेदारी जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है, उसमें उसमें आत्म सम्मान की वृद्धि होती है। जनता का सरकार के निर्माण में सीधा हाथ होता है, जनता मैं तो देती है, चुनाव प्रचार करती है, चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा करती है, इससे जनता में राजनीतिक चेतना बढ़ती है।
4. जिम्मेदारी का निर्धारण-इस प्रणाली के अनुसार निर्वाचक गण अपने प्रतिनिधि को उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। उस भय से प्रतिनिधि अपनी कार ईमानदारी से करने को प्रेरित होते हैं।
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आधुनिक समय में चुनावों का बहुत महत्व है। चुनाव से जनता के हाथ में वे अस्त्र हैं, जिनके द्वारा वे अपनी इच्छा को व्यक्त करते हैं और अपने जनाधार द्वारा राजनीतिकदलों को सरकार बनाने के योग्य बनाते हैं। चुनाव ही राजनीतिक शक्ति की वैधता की परीक्षा करते हैं और सत्ता को औचित्यपूर्ण बनाते हैं। प्रत्येक देश में राजनीतिक शक्ति के वैधीकरण के लिए चुनाव रूपी साधन का प्रयोग किया जाता है, लोकतन्त्रीय देशों में तो चुनावों का बहुत महत्व होता है, क्योंकि लोकतन्त्रीय सरकार जनमत पर ही आधारित सरकार होती है जो अपना जनमत चुनावों से ही प्राप्त करती है। चुनावों के द्वारा जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है, इस प्रक्रिया को चुनाव प्रणाली कहा जाता है। इस तरह चुनाव-प्रणाली ही प्रतिनिधित्व प्रणाली का आधार है। आज सभी देशों में दो प्रकार की चुनाव प्रणालियां हैं .
१.प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली
२.अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली।
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