प्रत्यय अन आन अनीय अक्कड़ आऊ नी वना
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what is have to do this in this question
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जो शब्दांश, शब्दों के अंत में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन लाये, प्रत्यय कहलाते है।
दूसरे अर्थ में- शब्द निर्माण के लिए शब्दों के अंत में जो शब्दांश जोड़े जाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय दो शब्दों से बना है- प्रति+अय। 'प्रति' का अर्थ 'साथ में, 'पर बाद में' है और 'अय' का अर्थ 'चलनेवाला' है। अतएव, 'प्रत्यय' का अर्थ है 'शब्दों के साथ, पर बाद में चलनेवाला या लगनेवाला। प्रत्यय उपसर्गों की तरह अविकारी शब्दांश है, जो शब्दों के बाद जोड़े जाते है।
जैसे- पाठक, शक्ति, भलाई, मनुष्यता आदि। 'पठ' और 'शक' धातुओं से क्रमशः 'अक' एवं 'ति' प्रत्यय लगाने पर
पठ + अक= पाठक और शक + ति= 'शक्ति' शब्द बनते हैं। 'भलाई' और 'मनुष्यता' शब्द भी 'भला' शब्द में 'आई' तथा 'मनुष्य' शब्द में 'ता' प्रत्यय लगाने पर बने हैं।
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