प्रत्यय से तीन शब्द बनाइए :- 'दो'
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Answer:
प्रत्यय उपसर्गों की तरह अविकारी शब्दांश है, जो शब्दों के बाद जोड़े जाते है। पठ + अक= पाठक और शक + ति= 'शक्ति' शब्द बनते हैं। 'भलाई' और 'मनुष्यता' शब्द भी 'भला' शब्द में 'आई' तथा 'मनुष्य' शब्द में 'ता' प्रत्यय लगाने पर बने हैं।
Explanation:
प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ 'आलू' शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। प्रत्यय के दो भेद हैं-
कृत् प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत्+अंत) शब्द कहलाते हैं। जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहाँ अक कृत् प्रत्यय है, तथा लेखक कृदंत शब्द है।