Hindi, asked by mitalirathore3759, 9 months ago

प्रदूषित वतावरन के वृक्ष की आत्मकथा

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Answered by rishi102684
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Explanation:

वृक्ष, पेड, दरख्त, जैसे कई नामों से पुकारा जाता है, मुझे। याँ मेरी सत्ता व्यापक है। सारे संसार में मेरा अस्तित्व विद्यमान है। मेरी जातियाँ तो अनगिनत हैं ही, रंग-रूप और आकार-प्रकार भी अनेक हैं। मेरा कोई भाई बहुत मोटे मद-काठ (तने) वाला हुआ करता है और कोई पतले वाला। इसी तरह किसी का शरीर और बनावट खूब फैलावदार हुआ करती है और किसी की अत्यन्त सिमटे हुए। कोई छोटा-सा होता है और कोई सीधा और ऊँचा तना हुआ, लगता है जैसे आकाश को छू रहा हो।

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