प्रदूषण की समस्या अनुच्छेद इन हिंदी
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वायु प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण का ही एक अंग है शहरीकरण तथा औद्योगिकीकरण के कारण कल कारखानों से निकलने वाले जहरीले धुएं और मोटर गाड़ियों के दूषित धुएं के कारण वायु दोष युक्त हो गई है जिसके कारण बड़े-बड़े महानगरों में सांस लेना दूभर हो गया है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण औद्योगिकीकरण ही है। कारखानों का गंदा पानी यदि बाहर छोड़ दिया जाए तो नदी तालाब में मिल जाता है और धरती में समाविष्ट हो तो धरती प्रदूषित हो जाती है । कारखानों के साथ बाहर अधिकतर खराब पानी फैला होता है जिसके कारण कई प्रकार के मच्छर जन्म लेते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं।
ध्वनि प्रदूषण मनुष्य को शांति पूर्वक रहने में बाधा उत्पन्न करता है आज हर तरफ शोर शराबा मचा हुआ है जिसके कारण बहरापन मानसिक तनाव मनुष्य को शांतिपूर्वक जीवन जीने नहीं देता। इसमें वाहनों का शोर-शराबा लाउडस्पीकर की आवाज़ आदि समाविष्ट है।
भूमि प्रदूषण के कारण जो अन्न उगता है वह उतना पोषक नहीं होता।
इन सब के कारण पर्यावरण अत्यंत प्रदूषित हो गया है। सर्दी गर्मी तथा वर्षा का चक्र टूट गया है। मच्छर काँकरोच और कीड़ों की सेना ने नई समस्याओं को जन्म दे दिया हैं। वातावरण में नमी की कमी तथा गर्मी की अधिकता हो गई है जिसके परिणाम स्वरुप प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा है। अतः प्रदूषण को दूर करने के लिए समुचित उपाय किए जाने चाहिए।
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प्रदूषण की समस्य
अभी चल रहे दिनों को विज्ञान का युग कहा जाता है । इसने हमें बहुत प्रकार के सुख सुविधाएं दिए हैं । जिनके कारण हमारी धरती लग्जरी से लैस हो चुकी है । विज्ञान ने जहां हमें अनेक प्रकार के वरदान दिए हैं । वहीं कुछ ऐसी समस्याएं भी पैदा की है । जो आज अभीश्राफ बनकर हमारे अस्तित्व को ही समाप्त करने पर तुली हुई है । प्रदूषण उनमें से एक है |
आज धरती के दूषित वातावरण में पर्यावरण और वायुमंडल भी प्रदूषित हैं । अगर यह दूषित रहेंगे तब मानव जीवन संकट में हो जाएगा | मनुष्य ने प्रकृति से जिस प्रकार छेड़छाड़ की है , जिस प्रकार उसका अंधाधुंध दोहन किया है , उसी का दुष्परिणाम है प्रदूषण | जो आज हमें सता रही है ।
प्रदूषण मुख्यत : चार प्रकार का हो सकता है -
- वायु प्रदूषण ,
- ध्वनि प्रदूषण ,
- भूमि प्रदूषण , और
- जल प्रदूषण
प्रदूषण के प्रकार की परिभाषा
वायु प्रदूषण- इनमें वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रकोप महानगरों और शहरों पर हुआ है | कारखानों से निकलने वाली राख से वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है | नगरों में लोग शुद्ध वायु में सांस लेने को तरसते हैं |
ध्वनि प्रदूषण - आज के महानगरों में वाहनों मशीनों और कल कारखानों के शोर के कारण ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है |
भूमि प्रदूषण - भूमि प्रदूषण के लिए आज का विज्ञान ही उत्तरदाई है । अधिक फसले उगाने के लिए जिस प्रकार की रासायनिक खादों का प्रयोग किया जा रहा है |उसे भूमि प्रदूषित हो रहा है ।
जल प्रदूषण - जितने भी कारखानों वाले खराब पदार्थ होते हैं । वह नदियों में ही छोड़े जाते हैं । जिससे उनका जल प्रदूषित हो जाता है | गंगा जैसी पवित्र नदी का जल प्रदूषित हो गया है ।
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