Physics, asked by jainasha896247, 4 months ago

प्रदूषण और मानव पर निबंध 300 /200 शब्द ​

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Answered by muskan0801
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Answer:

इसके परिणामस्वरूप अकाल और कुपोषण हो सकता है। प्रदूषित जल समुद्री जीवों और जलीय जीवन को प्रभावित करता है। मनुष्यों द्वारा सेवन किए जाने पर दूषित पानी टाइफाइड, हैजा और पीलिया जैसी विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है। ध्वनि प्रदूषण के अत्यधिक जोखिम के कारण बिगड़ा हुआ सुनवाई हो सकता है या मानव में बहरापन हो सकता है

वायु-प्रदूषण : महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है। जल-प्रदूषण : कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है। 

 

ध्वनि-प्रदूषण : मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।

 

प्रदूषणों के दुष्परिणाम: उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है। 

 

प्रदूषण के कारण : प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है। 

 

सुधार के उपाय : विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों।

Answered by Anonymous
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1) प्रदूषण प्राकृतिक संसाधनों में कुछ अवांछित तत्वों को मिलाने को कहते है।

2) प्रदूषण के मुख्य प्रकार वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण हैं।

3) प्रदूषण प्रकृति और मानव दोनों के कारण होता है।

4) प्रदूषण के प्राकृतिक कारण बाढ़, जंगल की आग और ज्वालामुखी आदि हैं।

5) प्रदूषण एक राष्ट्रीय नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है।

6) प्रदूषण को रोकने के लिए रीयूज़, रिड्यूस और रीसायकल सबसे अच्छे उपाय हैं।

7) एसिड रेन और ग्लोबल वार्मिंग प्रदूषण के परिणाम हैं।

8) प्रदूषण हमेशा जानवरों और मनुष्यों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

9) प्रदूषित हवा और पानी इंसानों और जानवरों में कई बीमारियों का कारण बनता है।

10) हम पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों और सौर पैनलों का उपयोग करके प्रदूषण को रोक सकते हैं।

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