(प्रथ14-18) के उत्तर दीजिए 1x5-5
करजीलिए मायांक लिए और कई गुल्मी
तहजीब, मकासत और मजाकल।
हम गौर कर रहे थे, खीरा इस्तेमाल करने को खीरेही साथ
और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का सूक्ष्म, नफीस या
एबाट्रक्ट तरीका जरूर कहा जा सकता है परंतु क्या ऐसे तरीके
से उदर की तृप्ति भी हो सकती है।
सुनाई दिया और नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कह दिया,
खीरा लजीज होता है लेकिन होता है सहील, नामुराद मे पर
ज्ञान चक्षुबुल गए। पहचाना- ये हैं नयी कहानी के लेखका
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प्रश्न 14-नवाब साहब ने खीरे खाने का
आनंद किस तरह लिया?
O क) नमक मिर्च के साथ खाकर
O ख) बिना नमक-मिर्च के खीरे खाकर
Oग) खीरे की फाँकॉ को सूंघकर
०५) खीरे के मुलायम भाग को खाकर
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वर्तमान सांप्रदायिक संकीर्णता के विषम वातावरण में संत-साहित्य की उपादेयता बहुत है।
संतों में शिरोमणि कबीर दास भारतीय धर्मनिरपेक्षता के आधार पुरुष हैं। संत कबीर एक सफल
साधक, प्रभावशाली उपदेशक, महा नेता और युग-द्रष्टा थे। उनका समस्त काव्य विचारों की
भव्यता और हृदय की तन्मयता तथा औदार्य से परिपूर्ण है। उन्होंने कविता के सहारे अपने
विचारों को और भारतीय धर्म निरपेक्षता के आधार को युग-युगान्तर के लिए अमरता प्रदान
की। कबीर ने हर्म को मानव धर्म के रूप में देखा था। सत्य के समर्थक कबीर हृदय में विचार-
सागर और वाणी में अभूतपूर्व शक्ति लेकर अवतरित हुए थे। उन्होंने लोक-कल्याण कामना से
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