प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारण एवं परिणामों की विवेचना करें। 200 शब्दो में उत्तर लिखे
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प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (First Anglo-Maratha War) का प्रमुख कारण मराठों के आपसी झगङे तथा अंग्रेजों की महत्त्वाकाक्षाएं थी।
मुगलों के पतन के समय भारत में मराठा शक्ति उदित हो रही थी।अतः जो शक्ति भारत में प्रमुख स्थान प्राप्त कर रही थी, उसका अंग्रेजोंं से संघर्ष होना स्वाभाविक था।
कंपनी सदैव इस बात का ध्यान रखने लगी कि वह ऐसा कोई कार्य न करे, जिससे मराठों के साथ संघर्ष करना पङे।फिर भी कंपनी अपनी नीतियों को कार्यान्वित करने का प्रयास करती रही। 1758 ई. में अंग्रेजों व मराठों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके अनुसार अंग्रेजों ने मराठों से दस गाँव प्राप्त किये तथा मराठा क्षेत्र में कुछ व्यापारिक सुविधाएं भी प्राप्त की।1759 ई. में ब्रिटिश अधिकारी प्राइस ( prais ) व थामस वॉट्सन(Thomas watson) पूना गये।इन दोनों का उद्देश्य मराठों से सालसेट व बसीन प्राप्त करना था।इस बार भी सालसेट व बसीन के संबंध में कोई समझौता नहीं हो सका। क्योंकि पेशवा माधवराव, मैसूर के शासक हैदरअली के विरुद्ध अंग्रेजों की सहायता चाहता था,किन्तु कंपनी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। फिर भी मॉटसन ने पेशवा को आश्वासन दिया कि कंपनी मराठों से कभी युद्ध नहीं करेगी और यदि कोई तीसरी शक्ति मराठों से युद्ध करती है तो कंपनी मराठों के विरुद्ध सहायता नहीं देगी।