प्रथम चार पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए
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Explanation:
पहली पंक्ति का अर्थ यह है कि हम धरती के आंगन में कितने ही विज्ञान की किताबें बटोर के रख दें तभी खेल से हम कभी दूर नहीं रह पाएंगे और जैसे ही प्रवाहित सरिता की खेत की धार रहती है वैसे हम खेल और विज्ञान से दूर नहीं रह पाएंगे दूसरी पंक्ति का यह अर्थ है कि अभिलाषी ने हमें कितना चिंतित कर दिया हो तभी भी हम मुस्कुरा कर .
दूसरों के साथ अच्छे से व्यवहार करते हैं इसलिए अभिलाषी नित्य मुस्काई आशाओं की छाया में वहां ऐसे ही लिखा है कि कितनी भी दुख हमारे पास हो हम मुस्कुराते ही रहेंगे पैरों की गति बंधे हुए हो विश्वासों की रहा मैं यहां लिखा है कि हमारे पैरों में जितने भी बा घटिया बांधे हुए हैं वह हमें विश्वास के साथ राह पर चलने की इच्छा प्रकट करने वाली इसलिए पैरों में की गति बंधी हुई हो विश्वासों की राह पर इसे कहा गया है .
तीसरी पंत्ती शिल्प कला मतलब फूल सिर्फ कला से हम कितने भी माला बोले यानी मनी वह हम बोलने पर भी अच्छे से बन पाएगी पर फूल और फूल मतलब फूल फूलों की हरी-भरी इस धरती का दुकान है मतलब फूल और हरी भरी धरती का जितना योगदान मोतियों से नहीं होता है उतना हरी भरी धरती से होता है .
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