प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए। (पाठ -'गीत-अगीत’)
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उत्तर :
नदी पहाड़ से उतरकर कल कल आवाज करती हुई लगातार बेहतर हुए सागर की ओर तेजी से बढ़ती जाती है। नदी अपने रास्ते में पड़े हुए पत्थरों से टकराकर आगे बढ़ती जाती है। नदी के किनारे गुलाब के फूल उगे हुए हैं। कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है जो किसी सामान्य मनुष्य की तरह अपने भावों को व्यक्त करती है। वह अपने प्रेमी सागर से मिलने के लिए तेज़ गति से बहती हुई अपने हृदय में छिपी प्रेम कथा अपने असल में पड़े पत्थरों को सुनाती जाती है और नदी किनारे उगा गुलाब सोचता है कि यदि उसके पास स्वर होते तो वह भी पतझड़ के सपनों का गीत सुनाता।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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so....cool...yha....
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