प्रथम पेरिस कम्यून (नगर परिषद) का क्या महत्व है?
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प्रथम पेरिस कम्यून (नगर परिषद) का इतिहास में बड़ा ही महत्व है, क्योंकि इस जनआंदोलन ने इतिहास में समाजवाद के एक नया रास्ता खोला।
पेरिस कम्यून (नगर परिषद) फ्रांस में मजदूरों द्वारा शुरू किया गया एक आंदोलन था, जिसने अल्प समय के लिए अपनी अल्पकालिक सरकार स्थापित कर ली थी। यह मजदूरों द्वारा किया गया एक जन विद्रोह था। यह जन विद्रोह मार्च 1871 से मई 1871 के बीच हुआ था। जब पेरिस कम्यून पर मजदूरों, आम जनता, पेशेवरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को मिलाकर बनाई गई जन-सरकार ने कब्जा कर लिया था। यह सारी राजनीतिक उठापटक उस समय की फ्रांसीसी सरकार की नीतियों से उपजे असंतोष के कारण हुई थी। यह पेरिस कम्यून नगर परिषद और लंबे समय तक नहीं चल पाई, क्योंकि बाद में सरकार ने इस विद्रोह को कुचल डाला, लेकिन यह पेरिस कम्यून दुनिया भर में समाजवादी क्रांति की नींव रख गई और यहीं से मजदूरों को क्रांति करने की प्रेरणा भी मिली।
मजदूरों के साथ लाल झंडे का संबंध भी पेरिस कम्यून से ऐसा जुड़ा जो उसके बाद मजदूरों आंदोलनों में लाल झंडा उनका प्रतीक बन गया। उस समय इस क्रांति ने यह धारणा चकनाचूर कर दी थी कि मेहनत कश मजदूर सरकार नहीं चला सकते। उस समय 18 मार्च 1871 से लेकर 72 दिनों तक मजदूरों ने अपनी छोटी सी सरकार चलाकर एक समाजवादी परंपरा की नींव रखी थी।
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