India Languages, asked by sonkaravantika312, 14 days ago

प्रथमेश लोकस से आश्रम हिंदी भाषा अलग भाषा युवा लेखक​

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Answered by pk0366217
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Answer:

कहा जाता है पुस्तके वो सधन है जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते है, और नैतिक शिक्षा और नैतिक मूल्यों और आदर्शो को भी स्थापित किया जा सकता है, परन्तु आज तो ऐसा कुछ भी नहीं है !

आज हम प्राय विद्यालयों में देखते है, की शिक्षा केवल नाम के लिए रह गयी है, शिक्षा के द्वारा प्राचीन समय में हमे ज्ञान तथा नैतिक मूल्यों को सिखाया जाता था !

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