प्रदन्त
तस्थ
माया
उज अधोलिखित गद्यांश पठिनता
प्रश्नान संस्कृतन उत्तरता
सन्ति दैलाच्यौलामाता राजमि
जनामात्र राजसिह नाम राजपुत्रा
वही स्मा कदा
किदा केनापि आव्यककार्य
बुद्धिमती पुत्र प्रयोपता पितुहि प्रति चालिया नाग
त्यांनी सा व्यायामागच्छन्त
वृष्टवा धान्यति पुत्रा चपट्या
पुत्रौ चपल्या प्रय जगाद
कधर्म की
कलह
अन्यमकस्तावद्विभज्य कय कथम केकसी
कथमकैकसी व्याघ्र भसणाय
कलह कुल्य अथर्मकस्तावनिमन्य मुल्यताम ।
पश्चात
अन्या द्वितीय
कत्रिकाल यता
मानकानन
सा
व्या प्रभसणाय
कुप
.
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Answer:
सांसारिक उद्दीपनों की टक्कर खाकर सजीव प्राणी (Organisms) अपना अस्तित्व बनाए रखने के निमित्त कई प्रकार की प्रतिक्रियाएँ करता है। उसके व्यवहार को देखकर हम प्राय: अनुमान लगाते हैं कि वह किस उद्दीपक (स्टिमुलस) या परिस्थिति विशेष के लगाव से ऐसी प्रतिक्रिया करता है। जब एक चिड़िया पेड़ की शाखा या भूमि पर चोंच मारती है, तो हम झट समझ जाते हैं कि वह कोई अन्न या कीट आदि खा रही है। जब हम उसे चोंच में तिनका लेकर उड़ते देखते हैं, तो तुरंत अनुमान लगाते हैं कि वह नीड़ (घोंसला) बना रही है। इसी प्रकार मानवी शारीरिक व्यवहार से उसके मनोरथ तथा स्वभाव आदि का भी पता लगता है।
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