Hindi, asked by shreyamalai12, 3 months ago

प्रदर्शनी वचन परिवर्तन कीजिए​

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Answered by mathdude500
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Answer:

क्रिया के उस रूपान्तरण को वाच्य कहा जाता है जिसके द्वारा यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म अथवा भाव में से किसकी प्रधानता है अर्थात् किस के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन तथा लिंग निर्धारित हुए हैं। वाच्य के प्रकार-वाच्य के प्रकार अथवा भेद तीन होते हैं-

(1) कर्तृवाच्य,

(2) कर्मवाच्य,

(3) भाववाच्य ।

कर्तृवाच्य

कर्तृवाच्य का अर्थ होता है, क्रिया का कर्ता के अनुसार रूप बदलना। कर्तृवाच्य वाक्य में क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार होता है। जैसे

(क) पुरुष टहलता है। स्त्री टहलती है।

(ख) पुरुष टहलते हैं। स्त्रियाँ टहलती हैं।

(ग) पाठ पढ़ा जाता है। पाठ पढ़े जाते हैं।

(घ) कहानी सुनी गई। कहानियाँ सुनी गईं।

(ङ) तू आया। तुम सब आए।

कर्मवाच्य

कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अनुसार रूप बदलती है। क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुरूप होते हैं। जैसे

(क) लड़के ने फल खाया।

(ख) लड़की ने खीर खायी।

(ग) विद्वान ने उपदेश दिया।

(घ) माँ ने कहानियाँ सुनाईं।

(ङ) उसका दुख देखा नहीं जाता।

(च) मुझसे दवा पी नहीं जाती।

भाववाच्य

जब क्रिया कर्ता या कर्म के अनुसार न होकर अपने भाव रूप अथवा मूल रूप में आती है, तो उसे भाववाच्य कहा जाता है। भाववाच्य की क्रियाएँ सदा ‘एकवचन पुंल्लिंग’ रहती हैं। वे कर्ता या कर्म के अनुसार रूप नहीं बदलती।

कुछ उदाहरण

(क) वृद्ध व्यक्ति से चला नहीं जाता।

(ख) उर्मिला से नाचा नहीं जाता।

(ग) नदी स्वच्छ की गई।

(घ) फिल्म को देखा जाना चाहिए।

(ङ) उसे झुकना पड़ा।

(च) आखिर पकड़ा ही गया चोर।

(छ) अहंकारी को झुकना होगा।

Answered by 2008shrishti
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प्रदर्शनियों

Explanation:

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