प्रदत्त पदानां प्रकृति-प्रत्यय-परिचयः देय:-
संनियम्य, समाधातुम्, आप्तुम्, सन्तुष्टः, विवर्जितः, अशक्तः, कर्तुम्, आश्रितः
Answers
प्रदत्त पदानां प्रकृति-प्रत्यय-परिचयः : -
संनियम्य → सम् + नि + यम् + ल्यप्
समाधातुम् → सम् + आ + धा + तुमुन्
आप्तुम् → आप + तुमुन्
सन्तुष्टः → सम् + तुष् + क्त
विवर्जितः → वि + वृज् + क्त
अशक्तः → अ + शृ + क्त
कर्तुम् → कृ + तुमुन्
आश्रितः → आ + शृ + क्त
अतिरिक्त जानकारी :
प्रस्तुत प्रश्न पाठ स मे प्रियः ( वह मुझे प्यारा है) से लिया गया है। इन श्लोकों का संकलन महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित श्रीमद्भगवद्गीता (महाभारत का अंग) के बारहवें अध्याय से किया गया है।
समास :
जब अनेक पदों को एक साथ मिलाकर एक पद के समान बना लिया जाता है तो यह मिला पद समस्त पद कहलाता है तथा यह पदों के मिलने की प्रक्रिया समास कहलाती है।
समास के भेद :
समास के मुख्यतः छः भेद होते हैं
1. तत्पुरुष समास
2. बहुव्रीहि समास
3. अव्ययीभाव समास
4. द्वन्द्व समास
5. द्विगु समास
6. कर्मधारय समास
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रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) संनियम्येन्द्रियग्राम.....
(ख) सन्तुष्टः.............योगी।
(ग) अनपेक्ष:...........दक्षः।
(घ) तेषामहं.................मृत्युसंसारसागरात्।
(ङ) शुभाशुभपरित्यागी........स मे प्रियः।
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