Hindi, asked by naoshadsamad, 4 months ago

प्रथथा स्वमत उत्तर लिखिए।
१) वृक्ष है मेरे साथ मत काटो इसे धरती के मन के इस भाव को अपने शब्दों में लिखें।​

Answers

Answered by savinaytiwari923
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जैसे कि हमें पता ही है कि पूरे ब्रह्मांड में अब तक खोजे गए ग्रहों में से पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां जीवन रूपी पेड़ और पौधों को पाया जाता है। वृक्ष जीवन के स्तंभ होते हैं। पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए हवा और पानी जैसे जरूरी तत्व का अति आवश्यक होता है, जो हमें पेड़ के द्वारा ही प्राप्त होता है।

पेड़ के बिना धरती पर जीवन नामुमकिन है। पेड़ के प्रत्येक हिस्सा जीवो को कुछ ना कुछ जरूर देता है। इसका तना, पत्तियां, फूल, फल, जड़ इत्यादि सब मनुष्य जाति के लिए उपयोगी होते हैं। वृक्ष बंदर, तोता, गोरेया, जैसे जीवो का आवास स्थान भी है। मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति भी वृक्ष ही करता है।

आज लगाया गया पौधा कल वृक्ष बनता है जो आने वाली पीढ़ियों को फायदा देता है। पैरों के द्वारा हमें हवा, पानी, भोजन, लकड़ी, चारा जैसी बहुमूल्य चीजें प्राप्त होती है। लकड़ी के रूप में इंधन पेड़-पौधे ही देते हैं। जीवो के द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके पेड़ पौधे प्राणवायु ऑक्सीजन को छोड़ते हैं। यह हमें इतना कुछ दे कर भी बदले में हमसे कुछ भी नहीं लेते हैं। फिर भी मनुष्य लालच में आकर इनको काट देता है। इस प्रकार के व्यक्ति को हमें रोकना चाहिए। एवं उसके बदले में प्रत्येक मनुष्य को एक पेड़ लगाना चाहिए, और उसकी देखभाल करनी चाहिए।

धर्म शास्त्रों में वृक्षारोपण को पुण्य दाई कार्य बनाया गया है। इसका कारण यह है कि वृक्ष धरती पर जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। हम देख सकते हैं कि भारतवर्ष में आदि काल से ही लोग तुलसी, पीपल, केला, बरगद, आदि पेड़ पौधों को पूजते आए हैं। आज विज्ञान सिद्ध कर चुका है कि यह पेड़ पौधे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

वृक्ष पृथ्वी को हरा भरा बनाकर रखता है। जिन स्थानों में पेड़ पौधे पर्याप्त संख्या में होते हैं वहां निवास करना भी आनंददाई प्रतीत होती है। इसके अलावा भी पेड़ छाया प्रदान करती है। इनकी ठंडी छाया में मनुष्य एवं पशु विश्राम कर आनंदित होते हैं। यह यात्रियों को सुखद छाया उपलब्ध कराते हैं। ऋषि मुनि भी वनों में रहकर अपने जीवन यापन की सभी आवश्यक वस्तुएं पैरों से ही प्राप्त कर लेते थे।

जैसे-जैसे सभ्यता बड़ी, लोग पैरों को काट कर उनकी लकड़ी से घर के फर्नीचर बनाने लगे, उद्योगों का विकास हुआ तो कागज, दियासलाई, रेल के डिब्बे आदि बनाने के लिए लोगों ने जंगलों को साफ कर दिए। जिस कारण जीवन उपयोगी वस्तुओं का अकाल पढ़ने लगा। साथ ही साथ पृथ्वी की हरीतिमा भी घटने लगी।

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