Hindi, asked by AnushkaRishivanshi, 6 months ago

प्रवासी मजदूरी की समस्याओं पर
चिंता व्यक
व्यक्त हेतु प्रेरित
करते दैनिक समाचार पत्र के संपादक
को पत्र लिखिए​

Answers

Answered by Anonymous
5

Explanation:

शौगत दासगुप्त

शहरों की तंग गलियों के अपने अंधेरे कमरों से निकलकर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव के घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े लोगों में से कितनों ने सफर के बीच ही अपना दम तोड़ दिया, इसकी कोई आधिकारिक संक्चया तो उपलब्ध नहीं है, पर विभिन्न रिर्पोटें कम से कम 20 मौतों की आशंका जताती हैं. यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है. डरे, भूखे और हताश ये प्रवासी श्रमिक खुद को अपनी सरकारों की ओर से पूरी तरह बदहाल छोड़ दिए महसूस कर रहे हैं.

अपने बच्चों और थोड़े-बहुत सामान के साथ चप्पल पहने सड़कों पर पैदल चलते लोगों के हुजूम का दृश्य दुनिया भर में देखा गया. उनके पास कई दिनों की अपनी यात्रा के लिए खाने का पर्याप्त सामान भी नहीं है. अधिकतर को बीच में ही रोक लिया जा रहा है और शिविरों में रखा जा रहा है, अब केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे अपनी सीमाओं को सील कर दें.

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