Hindi, asked by sahuajay03435, 5 months ago

प्रयोगवाद के जनक कौन है​

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Answered by bhatiamona
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प्रयोगवाद के जनक कौन है​

प्रयोगवाद का जनक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय को माना जाता है।

हिंदी में प्रयोगवाद का प्रारंभ अज्ञेय ने 1943 में अपने संपादन में प्रकाशित होने वाली तार सप्तक पत्रिका से किया है।

व्याख्या :

प्रयोगवाद से तात्पर्य आधुनिकतम विचारधारा से है, जिसमें कवियों ने काव्य के भाव पक्ष एवं कला पक्ष दोनों को महत्व दिया है। उन्होंने कक्षा में प्रयोग के नए तरीके अपनाएं और नए प्रतीकों, नये विचारों, नये उपमाने, नये बिंबों का प्रयोग किया है। प्रयोगवाद के कवियों ने कविता को एक आधुनिकतम रूप देने की कोशिश की है। प्रयोगवादी कवि ना केवल जनता बल्कि अपनी मानसिक मानसिक संतुष्टि के लिए कविता की रचना करते थे। प्रयोगवादी कविता सामान्य जन-जीवन से सरोकार रखने वाले मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया गया है।

प्रयोगवाद के मुख्य कवियों में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय, गजानन माधव मुक्तिबोध, धर्मवीर भारती, नरेश सक्सेना, भारत भूषण अग्रवाल, गिरिजा कुमार आदि के नाम प्रमुख है।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

प्रयोगवाद के कवियों में हम सर्वप्रथम तारसप्तक के कवियों को गिनते हैं और इसके प्रवर्तक कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ठहरते हैं।

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