Social Sciences, asked by kalagkondlas, 5 months ago

प्. संचार माध्यम फिस प्रकार हमारे जीवन को सरल बनाते है।​

Answers

Answered by pk602826
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Answer:

Explanation:

संचार

परिभाषा और महत्व

संचार क्या है?

संचार के तत्त्व

स्रोत, एनकोडिंग, संदेश, माध्यम, प्राप्तकर्ता, फ़ीडबैक

और शोर

संचार के प्रकार

सांकेतिक संचार

मौखिक और अमौखिक संचार

अंतःवैयक्ति संचार

अंतरवैयक्ति संचार

समूह संचार

जनसंचार

जनसंचार की विशेषताएँ

संचार के कार्य

जनसंचार के कार्य

सूचना देना, शिक्षित करना, मनोरंजन करना

एजेंडा तय करना

निगरानी करना

विचार-विमर्श के मंच

भारत के जनसंचार माध्यमों का विकास

समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ

रेडियो

टेलिविज़न

सिनेमा

इंटरनेट

जनसंचार माध्यमों का प्रभाव

संचार एक परिचय

संचार के बिना जीवन संभव नहीं है। मानव सभ्यता के विकास में संचार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान है। इस तरह संचार एक प्रक्रिया है जिसमें कई तत्व शामिल हैं। संचार के कई प्रकार हैं जिनमें मौखिक और अमौखिक संचार के अलावा अंत:वैयक्तिक, अंतरवैयक्तिक, समूह संचार और जनसंचार प्रमुख हैं।

जनसंचार कई मामलों में संचार के अन्य रूपों से अलग है। जनसंचार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के अलावा एजेंडा तय करने का काम भी करता है। भारत में जनसंचार के विभिन्न माध्यमों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। जनसंचार माध्यमों का लोगों पर सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। इन नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों का सचेत होना बहुत जरूरी है।

 

संचार-परिभाषा और महत्व

हम अधिकांश समय अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने या अपनी भावनाओं और विचारपों कों प्रकट करने के लिए एक-दूसरे से या समूह में बातचीत या संचार करने में लगा देते हैं। कई बार हम अकेले में खुद से बातें करने लगते हैं। यदि समाज में रहना है और उसके विभिन्न क्रियाकलापों में हिस्सा लेना है तो यह बिना बातचीत या संचार के संभव नहीं है। संचार यानी संदेशों का आदान-प्रदान।

संचार और हमारा जीवन

हम अपने दैनिक जीवन में संचार किए बिना नहीं रह सकते। वास्तव में संचार जीवन की निशानी है। मनुष्य जब तक जीवित है, वह संचार करता रहता है। यहाँ तक कि एक बच्चा भी संचार के बिना नहीं रह सकता। वह रोकर या चिल्लाकर अपनी माँ का ध्यान अपनी ओर खींचता है। एक तरह से संचार ख़त्म होने का अर्थ है-मृत्यु। वैसे तो प्रकृति में सभी जीव संचार करते हैं लेकिन मनुष्य की संचार करने की क्षमता और कौशल सबसे बेहतर है।अकसर यह कहा जाता है किमनुष्य एक समाजिक  प्राणी है और उसे सामाजिक प्राणी के रूप में विकसित करने में उसकी संचार क्षमता की सबसे बड़ी भूमिका रही है।

परिवार और समाज में एक व्यक्ति के रूप में हम अन्य लोगों सं संचार के जरिये ही संबंध स्थापित करते हैं और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करते हैं। संचार ही हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।

सभ्यता के विकास की कहानी संचार और उसके साधनों के विकास की कहानी है। मनुष्य ने चाहे भाषा का विकास किया हो या लिपि का या फिर छपाई का, इसके पीछे मूल इच्छा संदेशों के आदान-प्रदान की ही थी। दरअसल, संदेशों के आदान-प्रदान में लगने वाले समय और दूरी को पाटने के लिए ही मनुष्य ने संचार के माध्यमों की खोज की।

संचार और जनसंचार के विभिन्न माध्यमों-टेलीफ़ोन, इंटरनेट, फैक्स, समाचारपत्र, रेडियो, टेलीविजन और सिनेमा आदि के जरिये मनुष्य संदेशों के आदान-प्रदान में एक-दूसरे के बीच की दूरी और समय को लगातार कम से कम करने की कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि आज संचार माध्यमों के विकास के साथ न सिर्फ भौगोलिक दूरियाँ कम हो रही हैं बल्कि सांस्कृतिक और मानसिक रूप से भी हम एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं। शायद यही कारण है कि कुछ लोग मानते हैं कि आज दुनिया एक गाँव में बदल गई है।

जनसंचार माध्यम कितने उपयोगी

दुनिया के किसी भी कोने में कोई घटना हो, जनसंचार माध्यमों के जरिये कुछ ही मिनटों में हमें खबर मिल जाती है। अगर वहाँ किसी टेलीविजन समाचार चैनल का संवाददाता मौजूद हो तो हमें वहाँ की तसवीरें भी तुरंत देखने को मिल जाती हैं। इसी तरह आज टेलीविजन के परदे पर हम दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों में घट रही घटनाओं को सीधे प्रसारण के जरिये ठीक उसी समय देख सकते हैं। हम क्रिकेट मैच देखने स्टेडियम भले न जाएँ लेकिन घर बैठे उस मैच का सीधा प्रसारण (लाइव) देख सकते हैं।

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