पासा गाँव में किस पर्व का आयोजन किया गया था। उस दिन वहाँ पर क्या घटना घटी? 'ततारा-वामीरो कथा ' पाठ के आधार पर लिखिए।
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Answer:
पशु पर्व
Explanation:
पशु पर्व आयोजन में हृष्ट- पुष्ट पशुओं का प्रदर्शन तथा पशुओं के साथ युवकों की शक्ति परीक्षा प्रतियोगिता होती थी। इसके बाद नृत्य संगीत तथा भोजन का कार्यक्रम होता था। उस दिन वामीरो बहुत घबराई हुई थी और बहुत मुश्किल से तताँरा से मिली। उसकेेेे बाद दोनों रोने लगे। उनका रुदन सुन कर वामीरो की माँ आ गई और उसने तताँरा को बहुत भला बुरा कहा। तताँरा ने क्रोध में आकर पूरे द्वीपसमूह को अपनी तलवार से दो भागों में बांट दिया। इसमें तताँरा की मृत्यु हो गई और वामीरो भी उसके प्रेम में पागल होने के बाद मर गई।
Answer:
उस दिन वहाँ पर पशु पर्व आयोजन में हृष्ट- पुष्ट पशुओं का प्रदर्शन तथा पशुओं के साथ युवकों की शक्ति परीक्षा प्रतियोगिता होती थी। इसके बाद नृत्य संगीत तथा भोजन का कार्यक्रम होता था। उस दिन वामीरो बहुत घबराई हुई थी और बहुत मुश्किल से तताँरा से मिली।
Explanation:
तताँरा वामीरो कथा
तताँरा वामीरो निकोबार द्वीप की कथा है। लहरों से भीग जाने के कारण वामीरो के ध्यान में खलल आया और वह अपना गाना भूल गई।तताँरा ने वामीरो से रोज वहाँ पर आने की याचना की। तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि कोई भी अपने गाँव से बाहर शादी नहीं कर सकता था। क्रोध में तताँरा ने अपनी तलवार पूरी ताकत से जमीन में घुसेड़ दी। उसके बाद उसने उस द्वीप को दो टुकड़ों में चीड़ दिया।हालाँकि वह लकड़ी की तलवार थी, पर लोगों का मानना था कि उसमे अद्भुत शक्ति थी। वे मानते थे कि तताँरा अपने कारनामे उसी तलवार की मदद से करता था।वामीरो ने बेरुखी से तताँरा से पूछा कि वह कौन है और अजनबी होने के बावजूद उससे सवाल क्यों कर रहा है। उसने गाँव के नियम का हवाला देते हुए ये भी बताया कि दूसरे गाँव के लोगों के सवालों के जवाब देने को वो बाध्य नहीं थी। तताँरा वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार के लोगों ने अपनी कठोर नीति को तोड़ दिया। तबसे लोगों की शादियाँ दूसरे गाँवों में भी होने लगी। तताँरा परिचित और अजनबी सबकी एक जैसी मदद करता था।