पैसे की कमी और अभाव आदमी को दुख मनाने काक् अवसर भी नहीं देते । पाठ 'दुख का अधिकार' के आधार पर बताया।
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पैसों की कमी और अभाव आदमी को दुख बनाने का अवसर भी नहीं देते ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बुढ़िया अपने जवान बेटे की मृत्यु के अगले दिन ही खरबूजे बेचने के लिए आ गई थी।
Explanation:
- पैसों की कमी और अभाव आदमी को दुख बनाने का अवसर भी नहीं देते ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बुढ़िया अपने जवान बेटे की मृत्यु के अगले दिन ही खरबूजे बेचने के लिए आ गई थी।
- बेशक लोग बुढ़िया को लालची बेहया कमीन लोग आदि विशेष द्वारा पुकार रहे थे लेकिन उनका कहना बिल्कुल ठीक नहीं था क्योंकि बुढ़िया लालची या धन कमाने के लिए खरबूजे नहीं बेच रही थी बल्कि खरबूजे बेचने उसकी मजबूरी थी।
- बुढ़िया का बेटा का सांप के काटने से निधन हो गया था ।
- बुढ़िया के घर में छोटे पोते-पोती और बीमार बहू के लिए खाने को कुछ भी ना था।
- बुढ़िया शोक मनाने की जगह खरबूजे बेचने को विवश थी और इसलिए उसे दुःख मनाने का अवसर भी नहीं मिला|पैसों की कमी और अभाव आदमी को दुख बनाने का अवसर भी नहीं देते ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बुढ़िया अपने जवान बेटे की मृत्यु के अगले दिन ही खरबूजे बेचने के लिए आ गई थी।
- बेशक लोग गुड़िया को लालची बेहया कमीन लोग आदि विशेष द्वारा पुकार रहे थे लेकिन उनका कहना बिल्कुल ठीक नहीं था क्योंकि बुढ़िया लालची या धन कमाने के लिए खरबूजे नहीं बेच रही थी बल्कि खरबूजे बेचने उसकी मजबूरी थी।
- बुढ़िया का बेटा का सांप के काटने से निधन हो गया था ।
- बुढ़िया के घर में छोटे पोते-पोती और बीमार बहू के लिए खाने को कुछ भी ना था।
- बुढ़िया शोक मनाने की जगह खरबूजे बेचने को विवश थी और इसलिए उसे दुःख मनाने का अवसर भी नहीं मिला|
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