पूस की रात की मूल संवेदना
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पूस की रात' गरीब भारतीय किसान की दयनीय दशा को लेकर लिखी गयी कहानी है। इस कहानी में प्रेमचंदजी ने समाज की आर्थिक विषमता पर प्रकाश डाला है। में समानता होते हुए भी कहीं उपाधि, कहीं पद, कहीं जाति और कहीं धन बीच में दीवार बनकर आ जाता है जो कि उन्हें परस्पर मिलने नहीं
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