'पूस की रात' कहानी का सारांश लिखिए।
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पूस की रात' कहानी का सारांश लिखिए।
पूस की रात कहानी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई है |
कहानी ‘पूस की रात’ में हल्कू के माध्यम से कहानी कार ने भारतीय किसान की लाचारी का यथार्थ चित्रण किया है ।
व्याख्या :
यह कहानी एक गाँव में हल्कू नामक एक गरीब किसान अपनी पत्नी के साथ रहता था ।
हल्कू किसी और की जमीन में खेती करता था । उसकी आमदनी कुछ भी नहीं थी । हल्कू की पत्नी खेती करना छोड़कर और कहीं मजदूरी करने लग जाती है |
हल्कू के खेत के मालिक उसे बहुत तंग करते थे | मालिक उसे रोज़ गलियां हर कुछ बोलते थे | उसे खेत के मालिक का 3 रूप बकाया देने के लिए अपनी पत्नी के जमा किए हुए रुपए मांग कर उसे देता है |
पूस की रात में ठंड में बिना कम्बल के सोते है |
कहानी में एक दुर्बल किसान के जीवन के बारे बताया गया है | किस प्रकार वह मेहनत करके पैसा कमाता है और बचाता है, फिर भी वह जाड़े की ठंड में सोता है , मालिक की डांट खाता है | बहुत प्रकार के कष्ट सहन करता | वह दुर्बल है , गरीब है उसके पास हिम्मत नहीं की वह न्याय के लिए लड़ाई कर सके |