Math, asked by chandwanirishi1212, 6 months ago

पुस्तक हमारे मित्र निबंध​

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Answered by shishir303
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                       पुस्तक हमारी मित्र (निबंध)

पुस्तक हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तक हमारे जीवन में सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। एक सच्चे मित्र का कार्य है कि वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करें, बुरे समय में उसका साथ दें, उसे गलत मार्ग पर चलने से रोके, उसका संगी साथी बने ताकि वह व्यक्ति अकेलापन महसूस ना कर सके। पुस्तक इन सभी गुणों पर खरी उतरती हैं।

पुस्तकें जीवन व्यक्ति के जीवन में संस्कारी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं और अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़कर व्यक्ति ज्ञान ग्रहण करता है और जीवन को जीने का तरीका सीखता है। जब व्यक्ति किसी संकट की घड़ी में पड़ जाता है तो पुस्तकें उसके लिये एक मार्गदर्शका कार्य करती हैं।

अकेलापन महसूस होने पर व्यक्ति पुस्तकों को माध्यम से अपने मन को बहलाता है। इस तरह पुस्तक व्यक्ति के अकेलेपन का साथी बनती हैं, उसका मित्र बनती हैं। जिस तरह एक सच्चा मित्र व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह हानिकारक नहीं होता बल्कि लाभदायक होता है। उसी तरह पुस्तक भी किसी व्यक्ति के जीवन में हानिकारक नहीं होती बल्कि लाभदायक ही होती हैं। पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं, जिसने पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र बना लिया उसने इस जगत के अनमोल ज्ञान भंडार को पाने के रास्ते पर कदम रख दिया। पुस्तके ही हैं जो व्यक्ति के जीवन को सवारतीं हैं, इसलिए पुस्तकें हमारी सच्चे मित्र हैं।  

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Answered by mausams2013
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Answer:

पुस्तक हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तक हमारे जीवन सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। एक सच्चे मित्र का कार्य है कि वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करें, बुरे समय में उसका साथ दें, उसे गलत मार्ग पर चलने से रोके, उसका संगी साथी बने ताकि वह व्यक्ति अकेलापन महसूस ना कर सके। पुस्तक इन सभी गुणों पर खरी उतरती हैं। पुस्तकें जीवन व्यक्ति के जीवन में संस्कारी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं और अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़कर व्यक्ति ज्ञान ग्रहण करता है और जीवन को जीने का तरीका सीखता है। जब व्यक्ति किसी संकट की घड़ी में पड़ जाता है तो पुस्तकें उसके लिये एक मार्गदर्शका कार्य करती हैं। अकेलापन महसूस होने पर व्यक्ति पुस्तकों को माध्यम अपने मन को बहलाता है। इस तरह पुस्तक व्यक्ति के अकेलेपन का साथी बनती हैं, उसका मित्र बनती हैं। जिस तरह एक सच्चा मित्र व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह हानिकारक नहीं होता बल्कि लाभदायक होता है। उसी तरह पुस्तक भी किसी व्यक्ति के जीवन में हानिकारक नहीं होती बल्कि लाभदायक ही होती हैं। पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं, जिसने पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र बना लिया उसने इस जगत के अनमोल ज्ञान भंडार को पाने

पुस्तक हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तक हमारे जीवन सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। एक सच्चे मित्र का कार्य है कि वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करें, बुरे समय में उसका साथ दें, उसे गलत मार्ग पर चलने से रोके, उसका संगी साथी बने ताकि वह व्यक्ति अकेलापन महसूस ना कर सके। पुस्तक इन सभी गुणों पर खरी उतरती हैं। पुस्तकें जीवन व्यक्ति के जीवन में संस्कारी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं और अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़कर व्यक्ति ज्ञान ग्रहण करता है और जीवन को जीने का तरीका सीखता है। जब व्यक्ति किसी संकट की घड़ी में पड़ जाता है तो पुस्तकें उसके लिये एक मार्गदर्शका कार्य करती हैं। अकेलापन महसूस होने पर व्यक्ति पुस्तकों को माध्यम अपने मन को बहलाता है। इस तरह पुस्तक व्यक्ति के अकेलेपन का साथी बनती हैं, उसका मित्र बनती हैं। जिस तरह एक सच्चा मित्र व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह हानिकारक नहीं होता बल्कि लाभदायक होता है। उसी तरह पुस्तक भी किसी व्यक्ति के जीवन में हानिकारक नहीं होती बल्कि लाभदायक ही होती हैं। पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं, जिसने पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र बना लिया उसने इस जगत के अनमोल ज्ञान भंडार को पानेStep-by-step explanation:

पुस्तक हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तक हमारे जीवन सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। एक सच्चे मित्र का कार्य है कि वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करें, बुरे समय में उसका साथ दें, उसे गलत मार्ग पर चलने से रोके, उसका संगी साथी बने ताकि वह व्यक्ति अकेलापन महसूस ना कर सके। पुस्तक इन सभी गुणों पर खरी उतरती हैं। पुस्तकें जीवन व्यक्ति के जीवन में संस्कारी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं और अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़कर व्यक्ति ज्ञान ग्रहण करता है और जीवन को जीने का तरीका सीखता है। जब व्यक्ति किसी संकट की घड़ी में पड़ जाता है तो पुस्तकें उसके लिये एक मार्गदर्शका कार्य करती हैं। अकेलापन महसूस होने पर व्यक्ति पुस्तकों को माध्यम अपने मन को बहलाता है। इस तरह पुस्तक व्यक्ति के अकेलेपन का साथी बनती हैं, उसका मित्र बनती हैं। जिस तरह एक सच्चा मित्र व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह हानिकारक नहीं होता बल्कि लाभदायक होता है। उसी तरह पुस्तक भी किसी व्यक्ति के जीवन में हानिकारक नहीं होती बल्कि लाभदायक ही होती हैं। पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं, जिसने पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र बना लिया उसने इस जगत के अनमोल ज्ञान भंडार को पानेStep-by-step explanation:पुस्तक हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तक हमारे जीवन सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। एक सच्चे मित्र का कार्य है कि वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करें, बुरे समय में उसका साथ दें, उसे गलत मार्ग पर चलने से रोके, उसका संगी साथी बने ताकि वह व्यक्ति अकेलापन महसूस ना कर सके। पुस्तक इन सभी गुणों पर खरी उतरती हैं। पुस्तकें जीवन व्यक्ति के जीवन में संस्कारी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं और अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़कर व्यक्ति ज्ञान ग्रहण करता है और जीवन को जीने का तरीका सीखता है। जब व्यक्ति किसी संकट की घड़ी में पड़ जाता है तो पुस्तकें उसके लिये एक मार्गदर्शका कार्य करती हैं। अकेलापन महसूस होने पर व्यक्ति पुस्तकों को माध्यम अपने मन को बहलाता है। इस तरह पुस्तक व्यक्ति के अकेलेपन का साथी बनती हैं, उसका मित्र बनती हैं। जिस तरह एक सच्चा मित्र व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह हानिकारक नहीं होता बल्कि लाभदायक होता है। उसी तरह पुस्तक भी किसी व्यक्ति के जीवन में हानिकारक नहीं होती बल्कि लाभदायक ही होती हैं। पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं, जिसने पुस्तकों को अपना सच्चा मित्र बना लिया उसने इस जगत के अनमोल ज्ञान भंडार को पाने

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