Hindi, asked by LuvyanshTiwari, 8 months ago

पुस्तकों का महत्व बताते हुए अपने मित्र या सखी को पत्र लिखिए।

Answers

Answered by Niharikamishra24
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Answer:

पुस्तकों का हमारे जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। वे एक मित्र के समान हमारे विकास में सहायता करती हैं। जिस प्रकार अगर एक पत्ता हवा के साथ मित्रता करके उसके साथ ऊँचें उड़ता है। उसके बिना वह मिट्टी में मिल जाता है। उसी प्रकार अच्छी पुस्तकों के साथ अपना नाता जोड़ कर अर्थात अच्छी पुस्तकों से प्रेरणा प्राप्त करके हम भी विकास की चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं।

      कहते हैं कि जो मित्र दुःख के समय हमारा साथ देता है वह हमारा सच्चा मित्र है। जब तालाब में पानी होता है तो अनेक मेढक उसके आस पास रहते हैं। परन्तु पानी सूख जाने पर कहीं और चले जाते हैं। बनावटी मित्र भी इस प्रकार के होते हैं। जबतक हमारे पास सुख सुविधायें होती हैं वे हमारे पास रहते हैं। कष्ट के समय मदद नहीं करते और हमारी ओर से अपना मुख मोड़ लेते हैं। पुस्तकें सुख दुःख दोनों में हमारा साथ निभाती हैं।

      वे एक अच्छे मित्र के समान हमें गलत रास्ते पर जाने से रोकती हैं और सही राह दिखाती हैं। दुःख के समय वे हमारा साथ देती हैं और हमारी हिम्मत बढ़ाती हैं। जिस प्रकार एक अच्छे मित्र के साथ रहकर हमारे विचार भी उच्च होते हैं और हम उन्नति करते हैं उसी प्रकार अच्छी पुस्तकें हमारे जीवन को एक अच्छा मोड़ देती हैं। लेकिन बनावटी मित्र हमें पतन की ओर ले जाते हैं उसी प्रकार तुच्छ विचार व्यक्त करने वाली पुस्तकें हमें गलत रास्ते पर ले जा सकती हैं। इसलिए हमें अच्छी पुस्तकों का चयन करना चाहिए।

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Answered by KavyaGandhi130613
0

Answer:

Just write the format of letter, give some intro and then add this in your content, but in your own words:

पुस्तकों का हमारे जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। वे एक मित्र के समान हमारे विकास में सहायता करती हैं। जिस प्रकार अगर एक पत्ता हवा के साथ मित्रता करके उसके साथ ऊँचें उड़ता है। उसके बिना वह मिट्टी में मिल जाता है। उसी प्रकार अच्छी पुस्तकों के साथ अपना नाता जोड़ कर अर्थात अच्छी पुस्तकों से प्रेरणा प्राप्त करके हम भी विकास की चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं।

     कहते हैं कि जो मित्र दुःख के समय हमारा साथ देता है वह हमारा सच्चा मित्र है। जब तालाब में पानी होता है तो अनेक मेढक उसके आस पास रहते हैं। परन्तु पानी सूख जाने पर कहीं और चले जाते हैं। बनावटी मित्र भी इस प्रकार के होते हैं। जबतक हमारे पास सुख सुविधायें होती हैं वे हमारे पास रहते हैं। कष्ट के समय मदद नहीं करते और हमारी ओर से अपना मुख मोड़ लेते हैं। पुस्तकें सुख दुःख दोनों में हमारा साथ निभाती हैं।

     वे एक अच्छे मित्र के समान हमें गलत रास्ते पर जाने से रोकती हैं और सही राह दिखाती हैं। दुःख के समय वे हमारा साथ देती हैं और हमारी हिम्मत बढ़ाती हैं। जिस प्रकार एक अच्छे मित्र के साथ रहकर हमारे विचार भी उच्च होते हैं और हम उन्नति करते हैं उसी प्रकार अच्छी पुस्तकें हमारे जीवन को एक अच्छा मोड़ देती हैं। लेकिन बनावटी मित्र हमें पतन की ओर ले जाते हैं उसी प्रकार तुच्छ विचार व्यक्त करने वाली पुस्तकें हमें गलत रास्ते पर ले जा सकती हैं। इसलिए हमें अच्छी पुस्तकों का चयन करना चाहिए।

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