पुस्तककी आत्मकथा in hindi
Answers
Answered by
1
Answer:
मैं पुस्तक हूं जिसे पढ़कर कोई भी मनुष्य विद्वान बनता है। मैं इंसान को अंधकार से उजाले की ओर ले जाने का काम करती हूं। मेरे कारण ही कोई भी मनुष्य सभ्य बन पाता है और अपने राष्ट्र के लिए कुछ कर पाता है। मुझमें लिखा हुआ ज्ञान ही मनुष्य को आज इतना आधुनिक बना पाया है।
Similar questions
Biology,
16 days ago
Social Sciences,
16 days ago
English,
16 days ago
Social Sciences,
1 month ago
Chemistry,
1 month ago
Math,
8 months ago