Hindi, asked by AyashRana007, 17 days ago

पोशाक ही पहचान है पर कविता लखिए।

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Answered by rishik1233
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here is ur answer

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hope it helps u

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Answered by Anonymous
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\mathfrak\orange{पोशाक \: ही \: पहचान \: है \: पर \: कविता \: लखिए।}

  • व्यक्ति की पहचान उसकी पोशाक से होती है । पोशाक या

  • पहनावा, व्यक्ति के अंतर्मन का दर्पण होता है। भावनाओ और व्यक्तिगत रुचि के प्रदर्शन का माध्यम है, पोशाक। अगर हम स्वयं का उदाहरण भी लें, तो हम पाएंगे कि हम वही कपड़े पहनते है, जो हमें पसंद आते हैं। दरअसल, व्यक्ति पोशांक के माध्यम से अपने मन कि बात एवं अपनी पहचान दुनिया के सामने रखता है। वकील, डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सैनिक, विद्यार्थी आदि अपने पोशाक के माध्यम से ही पहचाने जाते हैं। व्यक्ति अपनी खूबियाँ, अपना स्वभाव, अपने कपड़ो के माध्यम से दर्शाता है। अधिकांशतः, सभ्य पुरुष अथवा महिला की पोशाक भी सभ्य, स्वच्छ एवं फॉर्मल होती है । व्यवस्थित पहनावे से हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है ।

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