पोशाक के माध्यम से माध्यम से हर व्यक्ति
का दूसरों से प्रथम परिचय होता है इस कथन को भिन्न-भिन्न चित्रों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
Answers
हर व्यक्ति का परिचय सबसे पहले उसके पहनावे से होता है
Explanation:
किसी व्यक्ति के बारे में सबसे पहली चीज जो हम देखते हैं, वह है उनका पहनावा। यह हमें उनके लिंग, राष्ट्रीयता, उम्र आदि के बारे में एक संकेत देता है। हम उस व्यक्ति के बारे में तभी जान पाएंगे जब हम उनसे मिलवाएंगे, लेकिन उनकी पोशाक को देखकर ही हमें उनकी जातीयता, उम्र, फैशन के बारे में एक प्रारंभिक विचार मिलता है। भावना, रूढ़िवाद उनकी पोशाक के माध्यम से।
ज्यादातर केस उनकी ड्रेस को देखकर ही जेंडर साफ हो जाता है। साथ ही उनकी साड़ी या फ्रॉक को देखकर हम उनकी राष्ट्रीयता का अंदाजा लगा सकते हैं. हम भारतीयों की तुलना में पश्चिमी लोग एक अलग पोशाक पहनते हैं। हमें उनके पहनावे से उनकी आर्थिक स्थिति और रूढ़िवादिता के बारे में भी पता चलता है, लेकिन यह बहुत स्पष्ट नहीं हो सकता है।
Answer:
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Explanation:
पोशाकों का व्यक्ति के व्यक्तित्व बनाने में अहम भूमिका होती है। वेशभूषा प्राचीन काल से ही समाज में विशेष भूमिका अदा करती आ रही है। पोशाक हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पोशाक किसी की एक पहचान होती है। शिक्षा, अनुशासन और शिष्टाचार के साथ वर्दी का आइकन समाज की दशा और दिशा बदलने में सहायक होती है l अच्छी पोशाक पहनने से समाज में हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है क्योंकि इससे हमारे काम व सोच पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों को नैतिक शिक्षा के साथ पहनावे के प्रति भी जागरूक करने की जरूरत है। सभ्य पहनावा न केवल एकता का प्रतीक माना जाता है बल्कि व्यक्ति के व्यक्तित्व से दूसरों को भी प्रभावित करता है । अच्छे व्यक्तित्व वाला सामाजिक प्राणी होने के नाते हमारा पहनावा हमारी संस्कृति को दर्शाता है। विविधताओं में एकता और अनेकता में एकता का संदेश देने वाले इस देश की पहचान हमारा पहनावा है। अलग अलग देशों के पहनावे अलग हैं। हमारी संस्कृति, वेशभूषा, त्यौहार में पहनावे अलग अलग हैं। हमारे पहनावे की चर्चा विदेशों में होती है। हमें सभ्य समाज के निर्माण के लिए हमारी युवा पीढ़ी को जागरूक और आदर्श उदाहरण बनकर प्रेरित करना होगा।