‘पेशोला की प्रतिध्वनि’ की कविता का प्रतिपाद्य क्या है ? लिखिए।
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कवि आह्वान करता है कि भारतीय जनों को अपनी अज्ञान की निद्रा का त्याग करना चाहिए तथा स्वदेश के पुरातन गौरव को पुनः स्थापित करके स्वदेश का उद्धार करना चाहिए। भारत के गौरव-गरिमापूर्ण अतीत का चित्रण करना तथा उसको पुन: देश में लाना भारतीयों की पावन कर्तव्य है। यह बताना ही पेशोला की प्रतिध्वनि कविता का प्रतिपाद्य है।
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